भोजपुर जिले में इस बार सावन मास के दौरान शिव मंदिरों में भक्तों के पूजा करने पर जिला प्रशासन के द्वारा रोक लगा दी गयी।
वाहिसवां के दुअरान जिलेभर में लगने वाले सावन मेले पर भी पाबन्दी लगा दी गयी हैँ। यह पाबन्दी 4 अगस्त तक मंदिरों और मेला लगने वाले स्थानों पर लागा दी गइ है।
यह पाबन्दी 4 अगस्त तक सभी मंदिरों में और मेला लगने वाले स्थानों पर लगी रहेगी। ऐसा जिले में कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए इसे रोकने के लिए जिला प्रशासन के द्वारा कदम उठाया गया है।
इस पाबंदी को कड़ाई से लागू करने के लिए संबंधित अनुमंडल के SDO और SDPO जिम्मेदारी दी गयी है।
वही दूसरी तरफ जिला प्रशासन के द्वारा लोगो से मानवता की रक्षा को अपने अपने घरों में ही पूजा करने की अपील की गयी है।
प्रशासन के द्वारा इस रोक के बाद सावन मास के दुआरण भक्तों के द्वारा शिव मंदिरों में पूजा करने की सैकड़ों वर्षों से चली आ रही परम्परा टूट जाएगी।
मालूम हो जिले में सावन माह के दुआरण सभी शिव मंदिरों में विशेषकर महिलाओं व युवतियों के द्वारा बड़े पैमाने पर पूजा अर्चना करने के साथ जलाभिषेक किया जाता है वहीं कई स्थानों पर सावन के मेले के साथ मंगळवारी मेले का भी आयोजन किया जाता है।
कई मंदिरों में तो हज़ारों की भीड़ एक साथ एकत्र होती है। वही दूसरी तरफ बहिसंख्यक भक्तों के द्वारा सावन में कई शिव मंदिर से जल लेकर बाबा की बैजनाथ धाम और गुप्ता धाम भी जाया जाता है।
इस पाबंदी के बाद अब न भक्त मंदिर में जलाभिषेक करेंगे और न ही मेले का आयोजन हो पाएगा ।
सावन माह के दौरान 100 वर्षों के इतिहास में पहली बार सावन के दौरान पूजा करने पर रोक लगी है। जब से मंदिर बना है तब से लेकर आज तक हर वर्ष जलाभिषेक करने की परंपरा चली आ रही थी।