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हार्ट अटैक के लक्षण (Symptoms of heart attack)

कुछ उपायों को अपनाकर हम हार्ट अटैक के रिस्क को काम कर सकते है।

तेजी से बढ़ रहे हार्ट अटैक की बीमारी
आईये जाने क्या है इसके लक्षण और इससे कैसे बचें।

हृदय तक जाने वाली खून के नसों में ब्लॉकेज होने पर हार्ट अटैक होता है।
यह ब्लॉकेज अक्सर फैट, कोलेस्ट्रोल और अन्य दूसरे पदार्थों की वज़ह से होती है।

बढ़ती उम्र अनुवांशिक कारणों से होने वाले हार्ट अटैक को रोकना थोड़ा मुश्किल
होता है। महिलाओं की अपेक्षा पुरुषो को हार्ट अटैक का खतरा ज़्यादा होता है।

कुछ उपायों को अपनाकर हम हार्ट अटैक के रिस्क को काम कर सकते है। साथ ही
यह जानना ज़रूरी है की हार्ट अटैक के लक्षण को पहचानना ज़रूरी है जिससे समय
पर हार्ट अटैक जैसी घातक बीमारी से बच सकते है।

*Heart Attack* &
*गरम पानी पीना*

यह भोजन के बाद गरम पानी पीने के बारे में ही नहीं हार्ट अटैक के बारे में भी अच्छा
लेख है। चीनी और जापानी अपने भोजन के बाद गर्म चाय पिटे है, ठंडा पानी पीते नहीं।
अब हमे भी उनकी यह आदत अपना लेनी चाहिए।जो लोग भोजन के बाद ठंडा पानी
पीना पसंद करते हैं यह लेख उनके लिए ही है।

भोजन के साथ कोई ठंडा पानी या पेय पीना बहुत हानिकारक है क्योंकि ठंडा पानी
आपके भोजन के तेलीय पदार्थों को जो आपने अभी अभी खाएं हैं ठोस रूप में बदल
देता है। इससे पाचन बहुत धीमा हो जाता है। जब अम्ल के साथ क्रिया करता है तो
टूट जाता है और जल्दी ही यह ठोस अधिक तेज़ी से आँतों द्वारा सोख लिया जाता है।
यह आंतों में एकत्र हो जाता है। फिर जल्दी हो चर्बी में बदल जाता है और कैंसर के

पैदा होने का कारण बनता है

इसलिए सबसे अच्छा ये है की भोजन के बाद गर्म सूप या गुनगुना पानी पिया जाएं।
एक गिलास गुनगुना पानी पहले पीना चाहिए।
इससे खून के थक्के नहीं बनेंगे और आप हृदयघातक से बचे रहेंगे .एक हृदय रोग

विशेषज्ञ है की यदि इस सन्देश को पढ़ने वाला प्रत्येक व्यक्ति इसे शेयर करे पास
जानकारी रहे।

Heart Disease

कमजोर दिल के कारण

  • जीवन में तनाव
  • खाने की गलत लत्त
  • कंप्यूटर पर देर तक काम करना
  • ध्रूमपान करना
  • वायु प्रदुषण

हार्ट अटैक के लक्षण

भारीपन, सिकुड़न और दर्द महसूस होता है। शरीर के ऊपरी हिस्से जैसे बांहों, पीठ,
गले और पेट में दर्द भी हार्ट अटैक का लक्षण है। सांस ठीक से न आना,
अचानक पसीना आना, जी मिचलाना और सिरदर्द के साथ उल्टी आना भी हार्ट अटैक
होने का संकेत देता है।

  • अधिकतर मामलो में देखा गया है की हार्ट अटैक के लक्षण धीरे धीरे शुरू होते है
    और शुरूआती लक्षणों में बेचैनी और हल्का दर्द होता है।
  • सीने के आस पास या बीच में बेचैनी महसूस होती है। भारीपन, सिकुड़न या दर्द
    महसूस होता है।
  • शरीर के ऊपरी हिस्से जैसे बाँहों, पीठ, गले और पेट में दर्द होना भी हार्ट अटैक के
    लक्षण है।
  • सांस ठीक से न आना, अचानक पसीन आना, जी मिचलाना और उलटी होना
    सर दर्द होना भी हार्ट अटैक के लक्षण है।

हार्ट अटैक से बचाव ( Precaution of Heart Attack)

एक्सराइज़ करना– हार्ट अटैक से बचाव करने में एकसराइज़ करना बेहतर विकल्प साबित हो सकता है।
यह शरीर की मांसपेशियों को मज़बूत करने और प्रतिरोधक क्षमता (इम्युनिटी पावर)
को बेहतर करने में सहायक साबित हो सकती है।


हेल्थी डाइट अपनाना- ऐसा माना जाता है कि हमारे खान-पान का हमारे शरीर पर सीधा असर पड़ता है।
यह बात हार्ट अटैक के संबंध में भी लागू होती है।
इसी कारण, यदि कोई व्यक्ति दिल के दौरे से अपना बचाव करना चाहता है तो उसे अपने
खान-पान पर विशेष ध्यान देना चाहिए और केवल हेल्थ डाइट की अपनाना चाहिए।
उसकी डाइट पर कम कोलेस्ट्रॉल वाला भोजन, बिना तला हुआ भोजन, हरी सब्जी एवं फल इत्यादि शामिल होने चाहिए।



स्मोकिंग या शराब का सेवन न करना- स्मोकिंग या शराब का सेवन करने वाले लोगों में
दिल के दौरे के पड़ने की संभावना काफी हद तक बढ़ने की संभावना रहती है।
अत: उन्हें इन नशीली चीज़ों से परहेज़ रखना चाहिए ताकि उनकी ज़िदगी खतरे में न पड़े
और वे खुशहाल ज़िदगी जी पाएं।


संतुलित वजन को बनाए रखना– जिन लोगों का वजन अधिक होता है, उन्हें कई सारी
बीमारियां जैसे डायबिटीज, रक्तचाप, दिल की बीमारी इत्यादि होने की संभावना रहती हैं।
इसी कारण, सभी लोगों को अपने वजन पर विशेष ध्यान रखना चाहिए और उसे किसी भी
स्थिति में बढ़ने से रोकना चाहिए।


हेल्थ चेकअप करना- यह सबसे महत्वपूर्ण चीज़ है, जिसका पालन सभी लोगों को करना चाहिए।
यदि हम लोग अपना समय-समय पर हेल्थचेकअप कराएं, तो यह हमें हेल्थी रखने में मदद करते हैं।
यदि हार्ट अटैक के संदर्भ में बात की जाए, तो इससे बचाव करने के लिए समय-समय
पर हेल्थचेकअप करना चाहिए ताकि उसे यह पता चले कि उसे कोई बीमारी नहीं है।
पहले से मौजूद बीमारी का पता लगाने के साथ-साथ हेल्थचेकअप किसी गंभीर बीमारी के
संभावित लक्षणों का पता लगाने में सहायता करता है और उसका समय रहते इलाज कराने
में भी प्रेरित करता है।

हार्ट अटैक के साइड-इफेक्ट्स कौन-कौन से हो सकते हैं? (side-effects of heart attack)


दिल के दौरे का असर अलग-अलग लोगों पर अलग-अलग पड़ सकता है।


जहां एक ओर, कुछ लोग दिल के दौरे से होने वाले नुकसान से आसानी से उबर जाते हैं,
वहीं दूसरी ओर, कुछ लोगों के लिए हार्ट अटैक काफी सारी परेशानियों का कारण बन सकता है।
यदि किसी व्यक्ति को दिल के दौरा पड़ जाता है, तो उसे निम्नलिखित साइड-इफेक्ट्स

का सामना करना पड़ सकता है-

दिल की धड़कनों का सही गति से न चलना– दिल के दौरे से पीड़ित व्यक्ति को
दिल की धड़कनों से असामान्य गति से चलने की परेशानी से गुजरना पड़ता है।
इसकी वजह से उसे बहुत जल्दी थकान हो जाती है।


एनजाइना की बीमारी का होना- हार्ट अटैक के होने पर एनजाइन के होने की संभावना काफी बढ़ जाती है।
इसी कारण, यदि किसी व्यक्ति को सीने के दर्द की शिकायत रहती है, तो उसे इसकी तुरंत
जांच करानी चाहिए ताकि वह इससे छुटकारा पा सके।


शरीर के अंगों का खराब होना- दिल के दौरे का असर केवल दिल पर न होकर उसके
शरीर के अन्य अंगों जैसे कंधे. पैर, गर्दन, जबड़े इत्यादि पर भी पड़ता है।
अत: हार्ट अटैक इन अंगों के खराब होने का कारण बन सकता है।


हार्ट ब्लॉकेज होना- अक्सर, ऐसा देखा गया है कि हार्ट अटैक होने पर लोगों का हार्ट ब्लॉक हो जाता है।
हालांकि, इसका इलाज कोरोनरी एंजियोग्राफी के द्वारा संभव है, लेकिन, फिर भी ऐसे लोगों
किसी तरह की लापरवाही नहीं करनी चाहिए।


मौत होना- हार्ट अटैक का सबसे बड़ा साइड-इफेक्ट्स होना है।
विश्वभर में हर साल बहुत सारे लोगों की मौत दिल के दौरे के पड़ने के कारण हो जाती है।

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